उपराष्ट्रपति
मुख्य न्यायाधीश
महान्यायवादी
मुख्य निर्वाचन आयुक्त
उपराष्ट्रपति संसद का सदस्य नहीं होता है और वह राज्यसभा की बैठक की अध्यक्षता करता है। अनुच्छेद 76 के आधार पर राष्ट्रपति महान्यायवादी को नियुक्त करते है, जो राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त अपने पद पर बने रहते हैं, यह एक मात्र ऐसा अधिकारी होता है, जो संसद का सदस्य न होते हुए भी संसद के किसी भी सदन को बैठक में भाग ले सकता है लेकिन वहां मतदान नहीं कर सकता है।
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