तमिलनाडु
नागालैंड
कर्नाटक
उत्तराखंड
पूर्वी नगालैंड का एक हिस्सा आदिवासी जीवन के उस पुराने दौर से बाहर निकल चुका है।
आज यहां के ग्रामीण फलों के बागों के जरिये जमकर कमाई कर रहे हैं।
इसका श्रेय जाता है 40 साल के सेथरिचम संगतम को। संगतम अमेरिका में अपने ‘करियर’ को छोड़कर गांव लौटे और उन्होंने ग्रामीणों को इसके लिए प्रेरित किया।
संगतम को 40 साल से कम आयु के व्यक्ति द्वारा ग्रामीण विकास में योगदान के लिए पहले रोहिणी नैय्यर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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