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दीर्घ सन्धि
गुण सन्धि
यण सन्धि
वृद्धि सन्धि
'परमार्थ' में दीर्घ स्वर सन्धि है। इसका सन्धि-विच्छेद 'परम + अर्थ होता है।
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