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उत्तर कन्नड़ के स्वादिष्ट ईशाद आम ने अपना बहुप्रतीक्षित भूवैज्ञानिक संकेतन टैग अर्जित किया है।
ईशाद आम मुख्य रूप से अंकोला के आसपास उगाया जाता है।
आम की इस किस्म की खेती पिछले 400 सालों से की जा रही है।
एक सदी से अधिक समय से इसके गूदे का प्रयोग मूल्यवर्धित उत्पादों को बनाने के लिए किया जाता है।
ईशाद आम के दो प्रकार हैं - करी ईशाद तथा बिली ईशाद
करी ईशाद - इसका छिलका पतला होता है, गूदा अधिक मात्रा में और मीठा होता है।
बिली ईशाद – इसका छिलका मोटा होता है और इसमें गूदा और मिठास कम होती है।
करी ईशाद को इसके आकार, अधिक मात्रा में गूदा, स्वाद तथा अनूठी सुगंध के कारण बेहतरीन गुणवत्ता वाले आमों में से एक माना जाता है।
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