‘हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय।
दरद की मारी बन बन डोलूं बैद मिल्यो नही कोय।’ 
यह पंक्तियाँ किसकी हैं -

  • 1

    महादेवी वर्मा

  • 2

    रसखान

  • 3

    मीरा

  • 4

    सुभद्राकुमारी चौहान

Answer:- 3

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