ओड़िशा
पश्चिम बंगाल
असम
झारखंड
झारखंड के छोटानागपुर इलाके में इस पर्व को आदिवासी समुदाय के अलावा अन्य लोग भी में ‘करमा पूजा त्यौहार’ मनाया गया है।
इस त्योहार के जरिए प्रकृति संरक्षण के साथ-साथ धर्म और और अधर्म के बीच की दूरियों को समाज को समझाने का प्रयास किया जाता है।
यह प्रकृति पर्व में गेहूं, जौ, मकई और चना के बीज को एक सप्ताह पहले बालू में रखा जाता है और फिर उसकी जब छोटी कोंपले निकलती है हौ तो उससे करमा पूजा की जाती है।
Post your Comments