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आंध्र प्रदेश बिहार के बाद ‘जातिगत जनगणना’ शुरू करने वाला दूसरा राज्य बना है।
जातीय जनगणना की शुरुआत में केवल 139 पिछड़े वर्गो को शामिल करने की घोषणा की गई थी, लेकिन अब सभी जातियां शामिल हैं।
सरकार ने जातिगत जनगणना को एक प्रमुख लक्ष्य के तौर पर निर्धारित किया है। उनका मानना है कि यह लोगों के जीवन स्तर को बदल सकता है।
'जातीय जनगणना के एक चरण में केवल दस दिनों के लिए ही आयोजित होगी।
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