चुनाव लड़ने से पूर्व उसे अपनी सदस्यता से त्यागपत्र देना पड़ता है
निर्वाचित होते ही उसे अपनी सदस्यता छोड़नी पड़ती है
उसे निर्वाचित होने के 6 माह के भीतर ही अपनी सदस्यता छोड़नी पड़ती है
संसद का सदस्य तो राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकता है परन्तु राज्य की विधान सभा का सदस्य चुनाव नहीं लड़ सकता
सांसद या विधायक रहते हुए भी कोई राष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकता है, लेकिन निर्वाचित होते ही उसे अपनी सदस्यता छोड़नी पड़ती है। (अनुच्छेद 59)
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