आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के प्रवक्ता डॉ. टीजे अलोन ने बताया कि 1972 में यूनेस्को कन्वेंशन से जुड़ने के बाद देश की सरकार ने पुरातन व कला संरक्षण अधिनियम (antiquity and art preserve act) 100 साल से अधिक पुरानी चीजों के संरक्षण और विदेशों से उन्हें लाने के उद्देश्य से बनाया था। 2014 के बाद इस दिशा में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और केंद्रीय विदेश मंत्रालय के कूटनीतिक प्रयासों से 345 पुरातन कलाकृतियां मिल चुकी हैं। 1976 से लेकर अब तक पुरातत्व महत्व की कुल 359 कलाकृतियां भारत की भूमि में वापस आ चुकी हैं। 2014 से पहले ऐसी 19 कलाकृतियां ही विदेशों से यहां आ पाई थी। विदेशों से आईं कई कलाकृतियों को उन राज्यों को लौटा दिया गया है जहां की वे थी। कई कलाकृतियां पुराने किले के 'पुरातन संग्रहालय' में आम लोगों के देखने के लिए रखी गई हैं। कुछ नेशनल म्यूजियम में भी हैं।
अमेरिका से आई सबसे अधिक कलाकृतियां
2021 में अमेरिका से एक ही बार में 150 से ज्यादा कलाकृतियां देश में लाई गईं थी। 2023 में भी करीब 80 कलाकृतियां अमेरिका से आई हैं। ऑस्ट्रेलिया से 50 से अधिक कलाकृतियां वापस आई हैं।
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