बांग्लादेश की राजनीति से जुड़े परिवारों के आधार पर
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अल्पसंख्यक आरक्षण के आधार पर
Answer:- 1
Explanation:-
जून 2024 में बांग्लादेश के उच्च न्यायालय ने एक फैसले में देश के 1971 के मुक्ति आंदोलन में भाग लेने वालों के वंशजों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियों में आरक्षण को बहाल कर दिया था । इस आदेश के बाद बांग्लादेश में लगभग 56 प्रतिशत सरकारी नौकरियाँ बांग्लादेश में समाज के विभिन्न वर्गों के लिए आरक्षित हो गई थीं।
उच्च न्यायालय के फैसले के तुरंत बाद बांग्लादेश की राजधानी ढाका में छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू हो
गया । यह विरोध जल्द ही हसीना सरकार के खिलाफ एक आंदोलन में बदल गया और छात्र आंदोलनकारी सरकार के इस्तीफे की मांग करने लगे।
बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 21 जुलाई को दिए गए फैसले में नौकरी कोटा पर उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिए जाने के बावजूद सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहा।
छात्रों को बांग्लादेश के मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी का समर्थन प्राप्त था।
पांच बार बांग्लादेश की प्रधान मंत्री रहीं शेख हसीना वाजेद ने एक महीने के व्यापक हिंसक छात्र विरोध के बाद 4 अगस्त 2024 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और एक सैन्य हेलीकॉप्टर में सवर होकर भारत आ गईं । सरकारी नौकरी में कोटा के खिलाफ छात्रों का विरोध जल्द ही सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया, जिसके कारण देश में 300 से अधिक लोग, मुख्य रूप से नागरिक, मारे गए। उनके इस्तीफे से बांग्लादेश में उनका 15 साल का निर्बाध शासन समाप्त हो गया। वह लगभग 20 वर्षों तक बांग्लादेश की प्रधान मंत्री रही हैं।
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