'पर्वत प्रहार' सैन्य अभ्यास भारतीय सेना द्वारा लद्दाख के उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आयोजित एक महत्वपूर्ण रणनीतिक पहल है। यह अभ्यास भारत-चीन सीमा के पास पहाड़ी इलाकों में सेना की तैयारियों और परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने पर केंद्रित है।
'पर्वत प्रहार' सैन्य अभ्यास का विवरण-
'पर्वत प्रहार' अभ्यास एक पखवाड़े से अधिक समय तक चलता है और इसमें सेना की विभिन्न शाखाओं की व्यापक भागीदारी होती है। इस अभ्यास में शामिल हैं:
पैदल सेना इकाइयाँ: उच्च ऊंचाई पर युद्ध प्रशिक्षण में संलग्न।
बख्तरबंद इकाइयाँ: विभिन्न टैंकों और बख्तरबंद वाहनों का उपयोग करना।
तोपखाना इकाइयाँ: के-9 वज्र सहित तोपखाना तोपों का उपयोग करना।
सहायता इकाइयाँ: आवश्यक संभार-तंत्रीय और परिचालन सहायता प्रदान करना।
2020 में गलवान में हुई झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच लंबे समय से सैन्य गतिरोध चल रहा है। कई दौर की बातचीत के बावजूद, महत्वपूर्ण प्रगति सीमित रही है। इन तनावों के जवाब में, भारत ने इस क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है:
सैनिकों की तैनाती: चीनी तैनाती का मुकाबला करने के लिए 50,000 से अधिक सैनिक तैनात हैं।
बुनियादी ढांचे में सुधार: तीव्र और सतत संचालन को समर्थन देने के लिए सुविधाओं और रसद का विकास।
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