पिछले एक दशक में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में 165% की वृद्धि हुई है, जो 2014 में 76.38 GW से बढ़कर 2024 में 203.1 GW हो गई है। वर्तमान में, भारत की सांस्कृतिक ऊर्जा क्षमता विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है।
पहली बार, भारत ने गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 200 गीगावाट क्षमता को पार कर लिया है, जिसमें 85.47 गीगावाट सौर ऊर्जा और 46.93 गीगावाट बड़ी जलविद्युत, 46.66 गीगावाट पवन ऊर्जा, 10.95 गीगावाट जैव विद्युत और 5.00 गीगावाट लघु जलविद्युत शामिल हैं। वर्तमान में, भारत पवन ऊर्जा क्षमता में चौथे और सौर पीवी क्षमता में पांचवें स्थान पर हैं।
भारत ने COP26 प्रतिबद्धता के तहत 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावाट स्थापित बिजली क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
केंद्रीय बजट 2024-25 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है। प्रधानमंत्री सूर्य घर, प्रधानमंत्री कुसुम और नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन जैसी नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़ी योजनाओं के लिए एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
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