भारत के रामसर आर्द्रभूमि क्षेत्र 18 राज्यों में फैले देश के कुल आर्द्रभूमि क्षेत्र का लगभग 10% है; किसी भी अन्य दक्षिण एशियाई देश में इतने अधिक स्थल नहीं हैं।
अगस्त में, 3 और वेटलैंड्स को 'रामसर साइट' का दर्ज़ा प्राप्त हुआ। इससे भारत में ऐसे स्थलों की कुल संख्या 85 हो गई है।
3 नए स्थल हैं -
1. नंजरायण पक्षी अभयारण्य - तमिलनाडु में
यह तमिलनाडु के तिरुपुर जिले के उथुकुली तालुक में एक बड़ी उथली आर्द्रभूमि है। यूरोपियन विगॉन और रूडी शेल्डक सहित दुर्लभ जल पक्षी तमिलनाडु के नाजरायन टैंक पक्षी अभयारण्य में आते हैं।
2. काज़ुवेली पक्षी अभयारण्य - तमिलनाडु में
यह तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में स्थित आर्द्रभूमि है। यह ज्वारीय रूप से येदियांथिट्टू मुहाना से जुड़ा हुआ है।
3. तवा जलाशय - मध्य प्रदेश में
तवा जलाशय मध्य भारत में तवा नदी पर एक जलाशय है। यह मध्य प्रदेश राज्य के होशंगाबाद जिले के इटारसी में स्थित है।
रामसर स्थल -
आर्द्रभूमि के ऐसे क्षेत्र होते हैं जिन्हें यूनेस्को की अंतरराष्ट्रीय संधि, वैटलैंड्स पर कन्वेंशन के तहत अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलती है। इस संधि को रामसर कन्वेंशन के नाम से भी जाना जाता है। इसका नाम ईरान के शहर रामसर के नाम पर रखा गया है, जहां साल 1971 में इस संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस संधि का मकसद आर्द्रभूमि के संरक्षण और उनके संसाधनों का तर्कसंगत इस्तेमाल करना है।
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