अंतरिक्ष में अपनी उल्लेखनीय क्षमता और उपलब्धियों को चिह्नित करने के लिए देश 23 अगस्त 2024 को अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम, जो 21 नवंबर 1963 को केरल के थुंबा से एक साउंडिंग रॉकेट के प्रक्षेपण के साथ शुरू हुआ, एक ऐसे चरण पर पहुंच गया है जहां अब वो चंद्रमा पर अपने लैंडर को सफलता पूर्वक उतारने,दूसरे ग्रह पर खोजी अंतरिक्ष यान (मंगलयान), सूर्य का आध्यान करने के लिए ,अदित्या मिशन जैसे जटिल और चुनौतीपूर्ण मिशन को पूरा करने में सक्षम हो गया है।
सोवियत संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद भारत चंद्रमा पर रोवर उतारने वाला चौथा देश था और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश।
विक्रम लैंडर 23 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार शाम 18.04 बजे चंद्रमा की सतह के 69.37 डिग्री दक्षिण अक्षांश और 32.35 डिग्री पूर्वी देशांतर पर उतरा था ।
बाद में भारत सरकार ने चाँद के उस स्थान, जहां विक्रम लैंडर उतरा था का नाम शिव शक्ति प्वाइंट रखा दिया था।
चंद्रयान-3 मिशन
चंद्रयान-3 मिशन को इसरो द्वारा 14 जुलाई 2023 को जीएसएलवी-मार्क III (एलवीएम-3) हेवी-लिफ्ट रॉकेट के द्वारा श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से प्रक्षेपित किया गया था। अंतरिक्ष यान में एक लैंडर, विक्रम और एक रोवर, प्रज्ञान था ।
चंद्रयान-2 मिशन के विपरीत, चंद्रयान-3 मिशन में ऑर्बिटर नहीं था जो चाँद का चक्कर लगा सके।
चंद्रयान-3 मिशन का अनुमानित बजट 615 करोड़ रुपये था।
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