उपराष्ट्रपति
मुख्य न्यायमूर्ति
महान्यायवादी
इनमें से कोई नहीं
अनुच्छेद 88 के आधार पर महान्यायवादी संसद सदस्य न होते हुए भी संसद की किसी भी सदन की बैठक में भाग ले सकता है, लेकिन मत दान में भाग नहीं ले सकता। उपराष्ट्रपति गैर संसद सदस्य होते हुए भी सिर्फ राज्य सभा की बैठक में भाग ले सकता है।
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