निजामुद्दीन
अबुल फजल
अब्दुल कादिर बदायूंनी
इनमें से कोई नहीं
दीन ए इलाही एक नया धर्म था जिसका आरंभ 1582 ई. में बादशाह अकबर ने किया था। इस धर्म में हिंदू-मुस्लिम, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई धर्म की मुख्य बातों का समावेश किया गया था। यद्यपि इसका मूल आधार एकेश्वरवाद था परंतु बहुत देर बाद की झलक भी इसमें थी तर्क के आधार पर यह धर्म धार्मिक भेदभाव से ऊपर उठकर सहिष्णुता की शिक्षा देता था। अकबर के शासन काल में इस धर्म के बहुत से अनुयाई हो गए थे परंतु अकबर की मृत्यु के बाद यह धर्म लोप हो गई।
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