नाजिरी
अब्दुल फजल
फैजी
उत्बी
मुल्ला कादिर लिखते हैं कि बादशाह अकबर ने मुझे बुलाकर कहा है कि नकीब खान के साथ मिलकर इसका अनुवाद करें। कई महीनों की मेहनत के बाद वर्ष 1592 ई. में महाभारत का फारसी अनुवाद पूरा हुआ और यह किताब रज्मनामा नाम से मशहूर हुई। मुल्ला कादिर यह भी लिखा है कि 1591 में रामायण का फारसी अनुवाद पूरा हुआ था।
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