लार्ड एस्टर
थॉमस रो
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नवंबर 1616 में जहांगीर ने दक्कन में चल रही जंग के नजदीक रहने के लिहाज से मांडू (एमपी) को छावनी बनाया। यहां उसके साथ रो भी था। ‘एंबेसी ऑफ थॉमस रो टू इंडिया’ में उस छावनी में जहांगीर की शान और शौकत का वर्णन किया गया है। थॉमस रो भारत में 3 साल तक रहा और सूरत के अलावा बंगाल से भी ईस्ट इंडिया कंपनी को व्यापार करने की छूट दिलाने में कामयाब रहा। यह सन 1615 में भारत आया था।
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