योद्धा
व्यापारी
बुनकर
कृषक
भारतीय इतिहास में मध्यकाल में बंजारे सामान्यता व्यापारी वर्ग से संबंधित रहे। इस काल में कई बंजारे ने अपना अपना अलग समाज स्थापित किया। इनमें गौरव बंजारा समाज 16 मई एवं 17 वीं शताब्दी में बहुत अधिक प्रसिद्ध रहा। बंजारे वर्ष पर देश के अलग-अलग हिस्सों में अपना सामान लादकर जाति और वीरानों या खाली जगहों पर बस्ती से दूर अपना ठिकाना बनाते। इन बंजारों को भौगोलिक एवं ऐतिहासिक जानकारी भी होती थी।
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