वह सिक्ख राज्य के संस्थापक थे
उन्होंने औरंगजेब को पराजित किया
उन्होंने सिक्खों की सैनिक व्यवस्था का गठन किया
उन्होंने सिक्खों को शांतिप्रिय लोग बनाया
गुरू गोविंद सिंह जहां विश्व की बलिदानी परम्परा में अद्वितीय थे, वहीं वे स्वयं एक महान लेखक, मौलिक चिंतक तथा संस्कृत सहित कई भाषाओं के ज्ञाता भी थे। उन्होंने स्वयं कई ग्रंथों की रचना की। वे विद्वानों के संरक्षण थे। उनके दरबार में 52 कवियों तथा लेखकों की उपस्थिति रहती थी। इसीलिए उन्हें ‘संत सिपाही’ भी कहा जाता था। वे भक्ति तथा शक्ति के अद्वितीय संगम थे।
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