जीजाबाई
ताराबाई
राजाराम
शम्भाजी
जिस तरह मराठा साम्राज्य पश्चिम भारत में लगातार कमजोर होता जा रहा था तथा औरंगजेब मराठों के किलें- दर-किले पर अपना कब्जा करता जा रहा था। उस समय ताराबाई ने सारे सूत्र अपने हाथों में लेते हुए ना सिर्फ मराठा साम्राज्य को खंड खंड होने से बचाया बल्कि औरंगजेब को हार मानने पर मजबूर कर दिया। औरंगजेब की मृत्यु के समय ताराबाई मराठों के नेतृत्व कर रही थी।
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