लॉर्ड कर्जन
लॉर्ड मेयो
लॉर्ड एटली
लॉर्ड कार्नवालिस
लॉर्ड कार्नवालिस की न्यायिक क्षेत्र में 'शक्ति के पृथककरण सिद्धान्त' का जन्मदाता कहा जाता है। इसने चार प्रान्तीय न्यायालय ये न्यायालय कलकत्ता, ढाका, पटना तथा मुर्शिदाबाद में स्थापित किया। इसी कारण इसे भारत में न्यायिक संगठन का स्थापना कर्ता कहा जाता है। इसने भारत में बोर्ड ऑफ रेवन्यु की स्थापना की। 1789 ई. मे इसने सर्वप्रथम भारत में प्रचलित 'दासों के व्यापार' को प्रतिबंधित किया। 1790 से 1792 के बीच तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध इसी के समय लड़ा गया और श्री रंगपट्टनम की संधि के साथ समाप्त हुआ। 1891 ई. में जोनाथन डंकन ने वाराणसी में संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की थी। 1893 ई. में इसने स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था लागू किया। भारत में इसे पुलिस व्यवस्था तथा भारतीय नागरिक सेवा का जनक कहा जाता है।
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