बिरजिस कादिर
अजीम-उल्लाह
तात्या टोपे
इनमें से कोई नही
तात्या टोपे का वास्तविक नाम रामचंद्र पांडुरंग था। तात्या टोपे तेज और साहसी थे। सन् 1857 में जब जंग प्रारंभ हुई तब तात्या ने 20,000 सौनिको के साथ मिलकर अंग्रेजों को कानपुर छोड़ने पर मजबूर कर दिया। इन्होंने कलापी के युद्ध में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की मदद की थी। तात्या टोपे, नाना साहब का कमांडर-इन-चीफ भी थे।
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