महात्मा गांधी द्वारा
स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा
राजा राममोहन राय द्वारा
स्वामी विवेकानंद
सत्यार्थ प्रकाश आर्य समाज का प्रमुख ग्रंथ है जिसकी रचना महर्षि दयायनन्द सरस्वती 1857 ई. में हिंदी में की थी। सत्यार्थ प्रकाश की रचना का प्रमुख उद्देश्य आर्य समाज की सिद्धान्तों का प्रचार - प्रसार था। इसके साथ - साथ इसमें ईसाई, इस्लाम एवं अन्य कोई पंथों व मतों का खण्डन भी है। स्वामी दयानन्द को पुनर्जागरण का मार्टिन लूथर कहा जाता है।
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