दादाभाई नौरोजी ने
गोपाल कृष्ण गोखले ने
ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने
लाला लाजपत राय ने
इसकी स्थापना गोपाल कृष्ण गोखले ने 1905 में, पुणे (महाराष्ट्र) में की थी। इसका उद्देश्य नौजवानों को सार्वजनिक जीवन के लिए प्रशिक्षित करना था। इस सोसाइटी के सदस्य आजीवन देश की सेवा करने का वचन लेते थे। सोसाइटी उनके परिवार के भरण पोषण के लिए सौ रूपये प्रतिमाह राशि देती थी। एम. सी. शीतलवाड, बी. एन. राव तथा अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर प्रख्यात सदस्य थे।
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