ऋग्वेंद
यजुर्वेद
अथर्ववेंद
मनुस्मृति
वर्ण व्यवस्था की उत्पत्ति का संकेत सर्वप्रथम ऋग्वेद ग्रंथ में मिलता है। वर्ण व्यवस्था हिंदू धर्म में सामाजिक कार्योंन्ती का एक आधार है। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार समाज के चार वर्णों के कार्यों से समाज का स्थायित्व दिया गया है। 1. ब्राम्हण - शिक्षाविद 2. छत्रिय - सुरक्षाकर्मी 3. वैश्य - वाणिज्य 4. शुद्र - उद्योग व कला
Post your Comments