छुआछूत से
बंधुआ मजदूर से
किसानों के शोषण से
अशिक्षा से
बारदोली क्षेत्र में कालिपराज जनजाति को ‘हाली पद्धति’ के अंतर्गत उच्च जातियों के यहाँ पुश्तैनी मजदूर के रूप में कार्य करना होता था। गाँधी जी के सलाह पर बारदौली के कार्य कर्ताओं द्वारा कालिपराजों का सम्मेलन आयोजित होता था। 1927 ई. का सम्मेलन की अध्यक्षता गाँधी जी ने की तथा 1927 ई. में ही कालिपराजों के वार्षिक सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कालिपराजों को रानीपराज (बनवासी) की उपाधि दी।
Post your Comments