ऋग्वेंद
उपनिषद में
मनुस्मृति में
इनमें से कोई नहीं
अद्धैत दर्शन का प्रतिपादन उपनिषदों में मिलता है। भारतीय दार्शनिक विचारों का प्राचीनतम संग्रह है। इसमें शुद्धतम ज्ञान पक्ष पर दिया गया है। उपनिषदों को भारतीय दर्शन का स्रोत अथवा पिता माना जाता है। उपनिषदों की संख्या कुल 108 है जो वेदों से संबंधित है। सत्यमेव जयते उपनिषद में व्यक्त है।
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