ऋग्वेद
यजुर्वेद
सामवेद
अथर्ववेद
अथर्ववेद में सर्वप्रथम परीक्षित का उल्लेख मिला है। अथर्ववेद को ब्रम्हवेद भी कहा जाता है। ऋषि के नाम पर इस वेद का नाम अथर्ववेद पड़ा। अथर्ववेद में 20 अध्याय, 731 सूक्त व 6000 मंत्र है। वशीकरण, जादू-टोना, भूत - प्रेतों व औषधियों से संबंध मंत्रों का वर्णन है।
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