23 मार्च 1933
23 मार्च, 1932
23 मार्च, 1931
23 मार्च 1934
शहीद-ए-आजम भगत सिहं लाहौर षडयंत्र मामले यानी कि सांडर्स हत्याकांड में अपने मकसद को साबित करने और मामले की उचित सुनवाई के लिए जहाँ मौके का मुआयना करना चाहते थे। वही गवाहों से जिरह भी करना चाहते थे। लाहौर षडयंत्र केस के आरोप में भगत सिहं, सुखदेव, राजगूरु को फांसी की सजा सुनाई गई थी। इनको 23 मार्च, 1931 को फांसी दी गई ।
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