भगवती चरण वोहरा ने
भगत सिंह ने
राम प्रसाद बिस्मिल ने
सचींद्रनाथ सान्याल ने
आलोचना और स्वतंत्र चिंतन एक क्रांतिकारी की दो विशेषताएँ है। यह कथन भगत सिंह ने कहा था। आलोचना और स्वतंत्र चिंतन क्रांतिकारी के दो अनिवार्य गुण होते है। यह नहीं की महात्मा जी महान है, इसलिए किसी को उनकी आलोचना नहीं करनी चाहिए। चूंकि वे पहुंचे हुए आदमी है इसलिए राजनीति, धर्म, अर्थशास्त्र या नीतिशास्त्र पर वे जो कुछ कह देंगे, वह सही ही होगा। आप सहमत हो या न हो पर आपको कहना जरूर पड़ेगा कि यह सत्य है।
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