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उर्ध्वगामी क्रमानुसार
पुरोहित प्रधान
कार्यों का विभाजन
सामाजिक सौहार्द
भारतीय जाति व्यवस्था अपने श्रेष्ठ स्वरूप कार्यों को विभाजन के रूप में मानी जाती है।
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