कुछ विशिष्ट मुसलमान आंदोलन में शामिल हुए
यह बंगाल तक ही सीमित रहा
स्त्रियों ने आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की
आंदोलन ने बंगाल के किसानों न तो अधिक प्रभावित किया और न ही वे इसमें शामिल हुए
स्वदेशी आंदोलन को बंग-भंग आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है। बंगाल विभाजन के अगले ही दिन सुरेंद्र नाथ बनर्जी और आनंद मोहन बोस के नेतृत्व में दो विशाल जनसभाएँ हुईं। इस आंदोलन में बंदे मातरम् गाते हुए नंगे पांव पदयात्रा भी निकाली गई। पूरे बंगाल में रविन्द्रनाथ टैगोर की ओर से राखी दिवस मनाया गया और एक-दूसरे को राखी बांधी गई। इस आंदोलन की शुरूआत 7 अगस्त, 1905 को हुई थी।
Post your Comments