संघीय व्यवस्था
सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व
प्रांतीय स्वायत्तता
द्वैध शासन प्रणाली
तत्कालनी भारत सचिव मार्ले एवं वायसराय लार्ड मिण्टों ने सुधारों का भारतीय परिषद अधिनियम 1909 पारित किया, जिसे मार्ले - मिन्टो सुधार के नाम से जाना जाता है। इस अधिनियम का मूल उद्देश्य नरमदल को अपनी ओर आकर्षित करना था, परन्तु गहरा उद्देश्य मुस्लिमों को पृथक निर्वाचन पद्धति प्रदान कर साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देना था। अंग्रेजों की यही नीति कालांतर में भारत के विभाजन का कारण बनी।
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