तिलक की होमरुल लीग महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रांत एवं बरार तक सीमित थी
सबसे पहले इसकी योजना एनी बेसेंट ने वर्ष 1914-15 में प्रस्तुत की थी
तिलक और बेसेंट के मतभेदों के उपरांत दोनों लीग बनी रही।
तिलक द्वारा स्थापित होमरुल लीग अधिक शक्तिशाली थी
ऐनी बेसेन्ट को फेबियन आंदोलन का प्रस्तावक माना जाता है। 1888- 89 में फेबियन सोसाइटी के सदस्यों ने 700 से अधिक भाषण दिये। ऐनी बेसेन्ट, सिडनी बेव, वर्नाड शॉ, विलियम क्लार्क आदि द्वारा रचित फेबियन लेख नामक संग्रह 1889 में प्रकाशित हुआ था। इन्हीं सब के सहयोग के परिणामस्वरूप 1884 ई. में फेबियन सोसाइटी की स्थापना हुई।
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