मानव हत्या
गो-वध
गरीबी का स्थायित्व
महिलाओं और बच्चों का उत्पीड़न
सत्य, अहिंसा, सर्वोदय और सत्यग्रह तथा उनके महत्व से गाँधीवादी दर्शन बनता है और ये गाँधीवादी विचारधारा के चार आधार हैं। गाँधीजी के अनुसार हिंसा का क्रूरतम रूप गरीबी का स्थायित्व करना है। अहिंसा का अर्थ होता है प्रेम और उदारता की पराकाष्ठा। गाँधीजी के अनुसार अहिंसक व्यक्ति किसी दूसरे को कभी भी मानसिक व शारीरिक पीड़ा नहीं पहुँचाता है।
Post your Comments