खनिज संसाधनों का स्त्रोत समझता था
नौपरिवहन केंद्र समझता था
औद्योगिक केंद्र समझता था
निर्मित वस्तुओं का बाजार समझता था
ब्रिटिश निर्मित उत्पादों का गाँधी का बहिष्कार प्रभावी हुआ क्योंकि ब्रिटेन भारत को एक बड़ा निर्मित वस्तुओं का बाजार समझता था। 23 नवम्बर, 1919 को आयोजित प्रथम अखिल भारतीय खिलाफत आंदोलन में मोहनदास करमचंद गाँधी उपस्थित हुए। उन्होंने इस सम्मेलन में पहली बार असहयोग आंदोलन की अपनी योजना और क्रियाविधि प्रस्तावित की। ब्रिटेन के वस्तुओं का बहिष्कार करने सरकार के सहयोग न करने और विदेशी लोगों की शिकायतों के प्रति प्रबुद्ध करने के लिए प्रस्ताव पारित किया।
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