सेल्युलर (पोर्ट ब्लेयर)
यरवदा
आगाखान पैलेस
नैनी
महात्मा गाँधी को मार्च 1922 में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आलेख लिखने के आरोप में साबरमती आश्रम के पास गिरफ्तार किया गया। उन्हें छः साल की जेल हुई लेकिन बाद में सरका 1924 में उन्हें रिहा कर दिया। बापू को एक बार फिर 1932 में बंबई में गिरफ्तार कर यरवता जेल में रखा गया था। उन्होंने यरवदा जेल के बार में एक पुस्तक फ्रॉम यरवदा मंदिर भी लिखी थी। यरवदा मंदिर में अनुशासित जीवन के संबंध में गाँधी जी विचार हैं।
Post your Comments