इसने भारतीय परंपरागत शिक्षा को दबाया
इसने श्रमिक संघ की गतिविधियों को नियंत्रित किया
इसने धर्म की स्वतंत्रता को कम किया
इसने लोगों को बिना मुकदमा चलाए जेल भेजने के लिए अधिकृत किया
इस विधेयक में यह व्यवस्था की गई ती कि मजिस्ट्रेट किसी भी संदेहास्पद् व्यक्ति को गिरफ्तार करके जेल में डाल सकता था साथ ही उसे अनिश्चित काल के लिए जेल में रख सकता था। इस प्रकार अपने इस अधिकार के साथ सरकार किसी भी निर्दोष व्यक्ति को दण्डित कर सकती थी। इस ऐक्ट को “बिना वकील, बिना अपील तथा बिना दलील का कानून” भी कहा गया। इसे “काला अधिनियम” एवं “आतंकवादी अपराध नियम” के नाम से भी जाना जाता है। इसी एक्ट के विरोध में गांधी जी ने 6 अप्रैल 1919 को एक देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया। उन्होंने सत्याग्रह सभा की स्थापना की।
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