हसरत मोहानी
अबुल कलाम आजाद
जवाहर लाल नेहरु
मोहनदास करमचंद गांधी
हसरत मोहानी, साहित्यकार, स्वतंत्रता सेनानी, शायर, पत्रकार, इस्लामी, विद्वान, समाजसेवक और आजादी के सिपाही थे। 1919 में खिलाफत आन्दोलन में उन्होंने चढ़ कर हिस्सा लिया। 1921 में उन्होंने सर्वप्रथम “इन्कलाब जिंदाबाद” का नारा अपने कलम से लिखा। इस नारे को बाद में भगत सिंह ने मशहूर किया। उन्होंने कांग्रेस के अहमदाबाद अधिवेशन (1921) हिस्सा भी लिया तथा संपूर्ण स्वराज को कांग्रेस का लक्ष्य मानने का प्रस्ताव रखा। हसरत मोहानी ने स्वराज के लिए सभी प्रकार के विदेशी नियंत्रण से मुक्त संपूर्ण स्वतंत्रता के रूप में परिभाषित किया।
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