मदन मोहन मालवीय
सरोजिनी नायडू
जवाहर लालनेहरु
मीरा बहन
गाँधी इरविन समझौता 5 मार्च, 1931 ई. को दिल्ली पैक्ट के नाम से भी जाना जाता है। इसी समझौते के सफलता को देखते हुए भारत कोकिला सरोजनी नायडू ने इन दोनों को दो महात्मा कहा था। श्री के.एम. मुंशी ने इस समझौते को "भारत के संविधानिक इतिहास में एक युग प्रवर्तक घटना" कहाँ। पं. नेहरू तथा सुभाष चंद्र बोस ने यह कह कर आलोचना की कि गाँधी जी ने पूर्ण स्वतंत्रता के लक्ष्य को बिना ध्यान में रखे ही समझौता कर लिया।
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