अष्टावक्र को
वशिष्ठ को
यज्ञवलक्य को
विश्वामित्र को
भारत में पुरुषों के साथ ही भारतीय महिला दार्शनिकों तथा साध्वियों की लंबी परंपरा रही है। वेदों की रचना को गढ़ने में भारत की बहुत स्त्रियों का योगदान रहा है। उसमें से ही एक गर्ग वंश में वचक्नु नामक महर्षि की पुत्री वाचकन्वी गार्गी राजा जनक के काल में ऋषि याज्ञवल्क्य और ब्रह्मवादिनी कन्या गार्गी दोनों ही महान ज्ञानी थे।
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