जलोढ मिट्टिया
लेटराइट मिट्टिया
लाल मिट्टिया
रेबुर मिट्टिया
रेगर मिट्टी या काली मृदा बैसाल्ट लावा के अपक्षय के कारण होती है। रासायनिक दृष्टि से काली मृदा में चूना, लौह, मैग्नीशियम के तत्व ज्यादा पाए जाते हैं। परन्तु इसमें नाइट्रोजन , फास्फोरस और जैव पदार्थों की कमी होती है। काली मृदा दक्कन पठार तथा मालवा के पठार पर पाया जाता है। यह सबसे ज्यादा महाराष्ट्र वाले क्षेत्र में पाया जाता है। काली मिट्टी को कपासी मिट्टी भी कहा जाता है।
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