लाल मिटटी
काली मिटटी
बलुई मिटटी
कछारी मिट्टी
कछारी मिट्टी गंगा के मैदान में, गंगा द्वारा काटी गयी मिट्टी कछारी कहलाती है। पुरानी कछारी मिट्टी या जलोढ़ मृदा बांगर कहलाती है। यह ऊंचा स्थान होता है, जहां बाढ़ का पानी नहीं पहुँच पाता। यह पुरानी जलोढ़ मृदा से बनी होती है, परंतु खादर, वह नीचा भाग है जहाँ नदियों का बाढ़ का जल स्तर हर वर्ष पहुँचता है तथा नदियाँ प्रत्येक वर्ष यहाँ नवीन मिट्टियाँ लाकर जमा कर देते हैं। भारत में सबसे ज्यादा पायी जाने वाली मिट्टी - जलोढ़ मिट्टी (43%) लाल मिट्टी (18.5%) काली मिट्टी (15%)
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