अम्लीय
क्षारीय
जलोढ (कछारी)
रेगड
चाय बागानों के लिए अम्लीय किस्म की मिट्टी बहुत उपयोगी है। यदि मृदा की पी.एच. 7 से कम होती है तो इस प्रकार की मृदा अम्लीय मृदा कहलाती है। मृदा में अत्यधिक क्षारीय या अम्लीय अभिक्रिया फसल की वृद्धि को रोकता है। अम्लीय मृदा में सोडियम, पौटेशियम और मैग्नीशियम का अनुपात ज्यादा होता। इसमें सोडियम क्लोराइड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसका स्थानीय नाम “रेह या ऊसर” के नाम से जाना जाता है। यह पश्चिम गुजरात , सुंदरवन डेल्टा, दलदली क्षेत्रों में इसका प्रसार पाया जाता है।
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