पादपो में प्रोटीन वृद्धि हेतु
विभिन्न फसलो की प्राप्ति हेतु
मृदा की उर्वरता शक्ति में वृद्धि हेतु
मृदा की नमी को बनाये रखने हेतु
विभिन्न फसलों को किसी निश्चित क्षेत्र पर, एक निश्चित क्रम से, किसी निश्चित समय में बोने को फसल चक्र कहते हैं। इसका उद्देश्य पौधों के भोज्य तत्वों का सदुपयोग तथा भूमि की भौतिक, रासायनिक तथा जैविक दशाओं में संतुलन स्थापित करना है। एक ही फसल को बार-बार उगाने के कारण निश्चित तत्व की कमी के कारण उमें उपज की कमी हो जाती है तथा भूमि की उर्वरता खराब हो जाती है। इसी के बचाव के लिए फसल चक्र आवश्यक है।
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