साल
खैर
बबूल
साजा
कत्था बनाने हुतु खैर वृक्ष का उपयोग किया जाता है। यह लकड़ी भूरे रंग की होती है तथा बहुत मजबूत होती है। घुनती नहीं है तथा इस वृक्ष के लकड़ी के डुकड़ों को पानी में उबालकर निकाला और जमाया हुआ रस जो पान में चूने के साथ लगाकर खाया जाता है। यही कत्था या खैर कहलाता है।
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