यह श्रेणी बद्धता के उदय को प्रकट करता है
इसमें ब्राम्हण का आद्य पुरुष के मुख से नि:सृत होने का उल्लेख है
यह ऋग्वेद के सातवे मण्डल में आया है
यह उस समय उद्भूत होती हुई सामाजिक संरचना का धार्मिक अनुमोदन करता है
पुरुष सूक्त के सम्बन्ध ऋग्वेद के सातवे मण्डल में आया है। सातवें मण्डल के रचयिता वसिष्ठ थे।
Post your Comments