युद्ध फैलाने के लिए
दुष्प्रेरण के लिए
राजद्रोह के लिए
उपर्युक्त में से कोई नहीं
भा, दं, सं की धारा 124 - क राजद्रोह को परिभाषित करती है, जिसके अनुसार, जो कोई बोले गए या लिखे गए शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा दृश्यरुपेण द्वारा या अन्यथा भारत में विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा या अवमान पैद करेगा. या पैदा करने का प्रयत्न करेगा, अप्रीति प्रदीप्त करेगा. या करने का प्रयत्न करेगा, या जुर्माने से दंडित किया जाएगा। यहां यह स्पष्टीकरण है कि अप्रीति पद के अंतर्गत अभक्ति और शत्रुता भावनाएं आती है। अतः स्पष्ट है कि उपरोक्त दृष्टांत में इस धारा के अंतर्गत नितेश द्वारा किया कार्य राजद्रोह के अपराध के अधीन आता है तथा नितेस इसी अपराध के लिए दंडित किया जाएगा।
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