लोक सेवक द्वारा किया गया कार्य
आपराधिक अतिचार को रोकने में
जंगम संपत्ति की रक्षा में
उपरोक्त सभी में
भारतीय दंड संहिता की धारा 99 ऐसे कार्यों के संबंध में उपबंध करती है जिनके विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा (आत्मरक्षा) का कोई अधिकार नहीं है। इस धारा के अनुसार, यदि कोई कार्य जिससे मृत्यु या घोर उपहति की आशंका युक्तियुक्त रुप से कारित नहीं होती, सद्भावपूर्वक अपने पदाभास में कार्य करते हुए लोक सेवक द्वारा किया जाता है या किए जाने का प्रयत्न किया जाता है, तो उस कार्य के विरुद्ध प्राइवेट प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है, चाहे वह कार्य विधि अनुसार सर्वथा न्यायानुमत न भी हो। यदि ऐसा कोई कार्य या प्रयत्न लोक सेवक के निदेश से किया जाता है, तो भी प्राइवेट प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं होगा। ऐसी दशाओं में जिनमें संरक्षा के लिए लोक प्राधिकारियों की सहायता प्राप्त करने के लिए समय है, प्राइवेट प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं होगा।
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